यहां के वैज्ञानिकों ने हल्दी व धनिया की नई प्रजाति की विकसित

अखिल भारतीय मसाला अनुसंधान परियोजना की वार्षिक बैठक में हुआ प्रदर्शन

रायगढ़, 25 सितम्बर2021/ अखिल भारतीय मसाला अनुसंधान परियोजना की वार्षिक बैठक कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र रायगढ़ में आयोजित की गई। जिसमें रायगढ़ के वैज्ञानिकों के शोध से विकसित धनिया एवं हल्दी के नई प्रजातियों का राष्ट्रीय स्तर पर विमोचन हेतु पहचान किया गया। जिन्हें केन्द्रीय विमोचन समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के उपरांत दोनों प्रजातियों को बीज उत्पादन श्रंृखला में लाया जाएगा।
ज्ञात है कि धनिया की एक प्रविष्ठी जिसे प्रस्ताव में छत्तीसगढ़ राज्य धनिया-3 के नाम से सम्मिलित किया जाएगा। धनिया की यह प्रविष्ठी देश के 10 प्रदेशों के लिए विमोचित होगी। वहीं दूसरी तरफ हल्दी की जो एक प्रविष्ठी है उसे छत्तीसगढ़ राज्य हल्दी-3के नाम से सम्मिलित किया जाएगा यह प्रविष्ठी देश के 7 प्रदेशों के लिए विमोचित होगी तथा विमोचन के बाद इन प्रजातियों के बीज का विभिन्न वर्गो में उत्पादन भी किया जा सकेगा। इन प्रजातियों के प्रमुख प्रजनक वैज्ञानिक डॉ.श्रीकांत सांवरगावकर ने बताया कि धनिया एवं हल्दी की ये दोनों प्रजातियां किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण एवं लाभदायक है। जो कि किसानों के बाजार के अनुरूप है। इनके उत्पादन से किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकते है। इन प्रजातियों की उत्पादन ज्यादा एवं गुणवत्ता अच्छी है। इनक फसल अवधि प्रचलित प्रजातियों से थोड़ा कम है।
परियोजना के प्रमुख अन्वेषक एवं कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.ए.के.सिंह ने बताया कि इन दोनों प्रजातियों से छत्तीसगढ़ के ही नहीं अपितु अन्य राज्यों के किसानों को भी इनका लाभ मिलेगा। इन प्रजातियों में रोगों एवं कीटों के प्रति प्रतिरोधकता अधिक है। इन प्रजातियों का उत्पादन लागत कम होने एवं उत्पादन अधिक होने से कृषकों को अधिक लाभ मिलेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button